ईरफान पाथान ने रोहित शर्मा पर लगाए गए आरोपों पर दी खुली प्रतिक्रिया: 'अगर कप्तान नहीं होते, तो प्लेइंग एक्सी में जगह नहीं मिलती'

ईरफान पाथान ने रोहित शर्मा पर लगाए गए आरोपों पर दी खुली प्रतिक्रिया: 'अगर कप्तान नहीं होते, तो प्लेइंग एक्सी में जगह नहीं मिलती' नव॰, 23 2025

जब ईरफान पाथान ने आईपीएल 2025 के कमेंट्री पैनल से हटाए जाने के बाद पहली बार अपनी आवाज़ उठाई, तो देश भर में एक तूफान उठ खड़ा हुआ। उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट प्रदर्शन पर एक ऐसा बयान दिया जिसे कोई नहीं भूल सकता: 'अगर वो कप्तान नहीं होते, तो प्लेइंग एक्सी में जगह नहीं मिलती।' ये बात न सिर्फ एक टिप्पणी थी — ये एक चुनौती थी, एक ऐसा सवाल जिसे भारतीय क्रिकेट के अंदर लंबे समय से चुपचाप छिपाया जा रहा था।

रोहित शर्मा का ऑस्ट्रेलिया टेस्ट यात्रा: एक अप्रत्याशित अंत

जनवरी 2025 में, रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज़ खेली। तीन मैचों में केवल 31 रन — औसत 6.20। ये आंकड़े किसी भी अनुभवी बल्लेबाज़ के लिए शर्मनाक हैं, खासकर जब वो टीम के कप्तान हों। पाथान और उनके साथी कमेंटेटर्स ने इस दौरान सीधे बोल दिया: अगर रोहित कप्तान नहीं होते, तो इस सीरीज़ में उन्हें प्लेइंग एक्सी में जगह नहीं मिलती। ये बात सीधी थी, लेकिन उसके बाद जो हुआ, वो अनोखा था।

सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन, पाथान ने रोहित के साथ एक विशेष साक्षात्कार किया। उस दौरान रोहित ने कहा कि वो टेस्ट क्रिकेट से रिटायर नहीं होंगे। पाथान बाद में बताते हैं: 'हमें उनके सामने उनका सम्मान करना था — वो हमारे अतिथि थे। लेकिन जब हमने कहा कि उनका प्रदर्शन इतना खराब है कि अगर कप्तान नहीं होते तो उन्हें बाहर कर दिया जाना चाहिए, तो लोगों ने कहा कि हम उनका समर्थन कर रहे हैं।' यहीं से तनाव शुरू हुआ।

पाथान का बयान: सच बोलने की कोशिश या अतिक्रमण?

ईरफान पाथान ने ललंटॉप शो में एक लंबी बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि उनका मकसद निंदा नहीं, बल्कि तथ्यों को सामने रखना था। 'रोहित शर्मा व्हाइट बॉल क्रिकेट में एक शानदार खिलाड़ी हैं। लेकिन उस साल टेस्ट में उनका औसत 6 था। हमने सिर्फ यही कहा — अगर वो कप्तान नहीं होते, तो प्लेइंग एक्सी में जगह नहीं मिलती।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने रोहित को सलाह दी थी कि वो अपना काम जारी रखें।

लेकिन यहाँ एक बड़ा विरोधाभास है। रोहित शर्मा ने अब तक 67 टेस्ट मैच खेले हैं, 4,301 रन बनाए हैं, और औसत 40.57 है। उनके 12 शतक और 18 अर्धशतक हैं। तो क्या एक अच्छी नहीं, बल्कि एक खराब सीरीज़ के आधार पर एक व्यक्ति के पूरे करियर की निंदा करना उचित है? यही सवाल अब भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के मन में घूम रहा है।

रोहित शर्मा का टेस्ट से संन्यास: एक निर्णय जो आया था लेकिन नहीं बोला गया

पाथान के बयान के कुछ ही महीनों बाद, 7 मई 2025 को, रोहित शर्मा ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया — इंग्लैंड के खिलाफ आयोजित सीरीज़ से पहले। इसकी घोषणा की गई और उसके बाद कोई जवाब नहीं दिया गया। क्या ये एक निर्णय था जो ऑस्ट्रेलिया के बाद ही लिया गया था? क्या उन्हें पता था कि उनका खेल अब उतना नहीं रह गया जितना लोग उम्मीद करते थे? ये सवाल अभी तक जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं।

रोहित ने टी20आई से भी संन्यास ले लिया है, लेकिन ओडीआई में वो अभी भी जारी रहने का इरादा रखते हैं। पाथान ने बताया कि उन्होंने रोहित से लंबी बातचीत की और उन्हें खेलने की जिद दिखाई। 'वो अभी भी क्रिकेट से प्यार करते हैं। वो खेलना चाहते हैं।' लेकिन यहीं एक और बड़ी बात आती है — बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओडीआई सीरीज़ के लिए शुभमन गिल को कप्तान बनाया है। यानी, भारत 2027 के ओडीआई विश्व कप के लिए रोहित के नेतृत्व में नहीं जा रहा है।

रोहित और कोहली: अब क्या होगा?

रोहित और कोहली: अब क्या होगा?

पाथान ने रोहित के साथ-साथ विराट कोहली के बारे में भी चिंता जताई। उनका कहना है कि दोनों खिलाड़ी अभी भी अपनी फिटनेस के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने की जरूरत रखते हैं। अगर वो अपने घर के रंगों में खेलेंगे — राजस्थान और बंगाल — तो उनकी तैयारी अधिक अच्छी होगी। ये एक बहुत बड़ा संकेत है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अभी तक इस बात का कोई नियम नहीं बनाया है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को डोमेस्टिक टूर्नामेंट में खेलना अनिवार्य होगा।

लेकिन अगर रोहित और कोहली अगले दो साल में ओडीआई विश्व कप के लिए तैयार होना चाहते हैं, तो उन्हें अपने घरेलू खेल को फिर से जीवित करना होगा। ये न सिर्फ उनके लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक निर्णायक पल है।

पाथान को हटाने का कारण: क्या सच में रोहित के खिलाफ बयान था?

कई स्रोतों ने दावा किया है कि पाथान को आईपीएल 2025 के कमेंट्री पैनल से हटाया गया क्योंकि उन्होंने रोहित शर्मा की आलोचना की। लेकिन लाइव हिंदुस्तान जैसे स्रोतों के अनुसार, शायद ये दूसरे खिलाड़ियों पर भी उनके बयानों की वजह से हुआ। एक बात तो तय है — रोहित पर उनके बयान ने एक ऐसी बहस शुरू कर दी जिसे कोई नहीं भूल सकता।

अगर आप देखें तो, पाथान ने किसी को नहीं निशाना बनाया। उन्होंने सिर्फ एक तथ्य को उजागर किया: एक खिलाड़ी की भूमिका कप्तानी के कारण बदल जाती है। और ये भारतीय क्रिकेट के अंदर एक गहरी बीमारी है — जहाँ कप्तानी का दर्जा खिलाड़ी के प्रदर्शन से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

अब क्या होगा?

अब क्या होगा?

रोहित शर्मा अब ओडीआई में खेलेंगे, लेकिन कप्तान नहीं। ईरफान पाथान अब टेलीविजन पर नहीं दिखेंगे — लेकिन उनके बयान अब तक के सबसे चर्चित बयानों में शामिल हो गए हैं। और बीसीसीआई? वो चुप हैं।

लेकिन ये बात अब साफ है — भारतीय क्रिकेट को एक नया नियम बनाने की जरूरत है। कप्तानी का दर्जा अपने खेल के आधार पर होना चाहिए, न कि उल्टा। अगर एक खिलाड़ी अच्छा नहीं खेल रहा है, तो उसे बाहर कर दिया जाना चाहिए — चाहे वो कप्तान हो या नहीं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या ईरफान पाथान को आईपीएल 2025 कमेंट्री पैनल से हटाने का कारण सिर्फ रोहित शर्मा पर टिप्पणी थी?

सभी स्रोत इस बात पर एकमत नहीं हैं। हालाँकि पाथान के रोहित शर्मा पर बयान सबसे ज्यादा चर्चित रहे, लेकिन लाइव हिंदुस्तान जैसे स्रोतों के अनुसार, उनकी अन्य खिलाड़ियों पर टिप्पणियाँ भी नियमों के खिलाफ मानी गईं। आईपीएल के संचालन दल ने अभी तक कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया है।

रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में औसत कैसे है?

रोहित शर्मा ने 67 टेस्ट मैचों में 4,301 रन बनाए हैं, जिसका औसत 40.57 है। उनके 12 शतक और 18 अर्धशतक हैं। लेकिन जनवरी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों में उन्होंने केवल 31 रन बनाए — औसत 6.20 — जो उनके करियर का सबसे खराब प्रदर्शन था।

शुभमन गिल को क्यों ओडीआई कप्तान बनाया गया?

बीसीसीआई ने शुभमन गिल को ओडीआई कप्तान बनाने का फैसला उनकी निरंतर रन-बाजी, शांत प्रकृति और युवा टीम के लिए उपयुक्त नेतृत्व शैली के आधार पर किया। रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास और ओडीआई में अपनी फिटनेस पर सवालों के बाद, बोर्ड ने भविष्य के लिए नए नेता की आवश्यकता महसूस की।

रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट क्यों जरूरी है?

ईरफान पाथान के अनुसार, दोनों खिलाड़ी अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने रहने के लिए घरेलू प्रतियोगिताओं में खेलने की जरूरत रखते हैं। ये उन्हें गेंद की गति, दबाव और भावनात्मक तनाव के लिए तैयार करता है — जो केवल टीम इंडिया के मैचों से नहीं मिलता। 2027 के ओडीआई विश्व कप के लिए ये जरूरी है।

क्या रोहित शर्मा ओडीआई क्रिकेट से जल्दी रिटायर हो सकते हैं?

पाथान के अनुसार, रोहित अभी भी खेलने के लिए उत्साहित हैं और उनका इरादा है कि वो जब तक फिट रहेंगे, तब तक ओडीआई में खेलेंगे। लेकिन अगर उनका प्रदर्शन गिरता है, तो बीसीसीआई उन्हें टीम से बाहर कर सकती है। उनका भविष्य अब उनके खेल पर निर्भर करेगा, न कि उनके नाम पर।

क्या भारतीय क्रिकेट में कप्तानी का दर्जा खिलाड़ियों के प्रदर्शन से अधिक महत्वपूर्ण है?

पाथान के बयान ने इसी सवाल को उठाया। लंबे समय से भारतीय क्रिकेट में कप्तानी का दर्जा खिलाड़ी के प्रदर्शन से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। रोहित के मामले में, उनका टेस्ट औसत निचले स्तर पर था, फिर भी उन्हें टीम में रखा गया। ये एक गहरी बीमारी है जिसे अब बदलने की जरूरत है।