भारतीय वायु सेना क्या है?

भारतीय वायु सेना (IAF) भारत की तीसरी प्रमुख सुरक्षा शाखा है। इसका मुख्य काम हवा से देश की रक्षा करना, पोर्टेबल इंटेलिजेंस देना और आवश्यकतानुसार जमीन पर सहायता देना है। रोज़मर्रा की बातों में, आप शायद एयरफ़ोर्स बेस या परेड देख चुके होंगे, लेकिन यही वो ताकत है जो हमारे आसमान को सुरक्षित रखती है।

भारतीय वायु सेना का इतिहास

आईएएफ की शुरुआत 1932 में हुई, जब भारत अभी ब्रिटिश शासन में था। पहली बार भारतीय पायलटों ने ब्रिटिश रॉयल एयर फ़ोर्स के साथ मिलकर काम किया। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, भारत ने अपनी खुद की वायु सेना बनायी, जिसमें शुरुआती पायलट बहुत ही उत्साही और साहसी थे। 1965 और 1971 के युद्धों में उन्होंने कई बड़े मोर्चे पर हवाई superiority हासिल की, जिससे देश की सीमाओं की सुरक्षा मजबूत हुई। आज आईएएफ के पास 2,000 से अधिक पायलट और 2,500 से अधिक हवाई जहाज़ हैं, जिनमें लड़ाकू, ट्रांसपोर्ट और रिक्रूटमेंट विमान शामिल हैं।

करियर और चयन प्रक्रिया

अगर आप भी इस शानदार टीम में शामिल होना चाहते हैं, तो दो मुख्य रास्ते हैं: NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) और AFCAT (एयर फ़ोर्स कॉमन ऐडमिशन टेस्ट)। NDA में 12वीं पास छात्रों को चार साल की कड़ी प्रशिक्षण मिलती है, जबकि AFCAT उन लोगों के लिए है जिनके पास ग्रेजुएशन है। दोनों ही टेस्ट में लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और मेडिकल टेस्ट होते हैं। तैयारियों में नियमित पढ़ाई, फिटनेस और रियरिंग टेस्ट के लिए एक सख्त दिनचर्या मदद करती है।

एक बार चयन हो जाने पर, आप को कक्षा, उड़ान प्रशिक्षण और विविध स्पेशलाइज़ेशन जैसे फाइटर पायलट, ट्रांसपोर्ट पायलट या एअरक्राफ्ट मैकेनिक में आगे की ट्रेनिंग मिलती है। सबसे ज्यादा लोग फाइटर पायलट बनना पसंद करते हैं, क्योंकि इसका रोमांच और देश की रक्षा में अहम योगदान दोनों होते हैं।

आईएएफ की प्रमुख विमान सूची में सुकॉइ, जेट एंजेल और तेजस्वी शामिल हैं। इन सभी का उपयोग अलग-अलग परिस्थितियों में किया जाता है — सुकॉइ का इस्तेमाल एयर-टू-एयर लड़ाई में, जेट एंजेल मुख्यत: ट्रेनिंग में और तेजस्वी जमीन पर सपोर्ट ऑपरेशन्स में। नई तकनीकें, जैसे रडार-एवॉइडेंस, ड्रोन और एअरोस्पेस साइबर डिफेंस, भी धीरे-धीरे इंटेग्रेट हो रही हैं।

वर्तमान में आईएएफ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में हिस्सा ले रहा है, जैसे र्याल्डो और विंगनाल। इन कार्यक्रमों में भारतीय पायलटों को विदेशी उपकरणों और रणनीतियों के साथ काम करने का मौका मिलता है, जिससे उनकी स्किल्स और भी बेहतर होती हैं। साथ ही, देश के विभिन्न हिस्सों में एअर बेस स्थापित हैं जो रेस्क्यू ऑपरेशन, एयरोड्रोमोलॉजी और आपदा राहत में मदद करते हैं।

आखिर में, भारतीय वायु सेना सिर्फ एक सैन्य इकाई नहीं, बल्कि तकनीक, शिक्षा और राष्ट्रीय गर्व का स्रोत है। चाहे आप एक उत्साही पथमियाई हों या सिर्फ वायु सेना के बारे में अधिक जानना चाहते हों, इस टैग पेज पर आपको सारे बेसिक पॉइंट मिलेंगे। अब आप बेहतर समझ पाएंगे कि आईएएफ कैसे काम करती है और आपके लिए कौन-कौन से करियर विकल्प खुलते हैं।

जुल॰, 12 2023
0 टिप्पणि
भारतीय वायु सेना के विमान क्यों बार-बार दुर्घटनाग्रस्त होते हैं?

भारतीय वायु सेना के विमान क्यों बार-बार दुर्घटनाग्रस्त होते हैं?

मेरे ब्लॉग में मैंने भारतीय वायु सेना के विमानों की दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का विश्लेषण किया है। कई बार ये दुर्घटनाएं तकनीकी खराबी, पुराने और अप्रचलित विमानों के कारण होती हैं। प्रशिक्षण में कमी और अनुपालन नियमों का अभाव भी मुख्य कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान और पीलटों की थकान भी कई बार हावी हो जाती है। मेरे ब्लॉग में मैंने इन समस्याओं का समाधान भी सुझाया है।

आगे पढ़ें