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नए वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत के साथ ये 5 नए टैक्स नियम हुए प्रभावी

 

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 के 31 मार्च को पूरा होने के साथ ही एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2020-21 का आगाज हो रहा है। नए वित्त वर्ष के शुरू होने के साथ ही बजट में घोषित कई नए नियम भी बुधवार से प्रभावी हो रहे हैं। वहीं, कोरोना वायरस की महामारी की वजह से देशभर में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण सरकार ने कुछ नियमों की समय-सीमा को आगे बढ़ा दिया है, जो नए वित्त वर्ष के शुरू होने पर भी यथावत बनी रहेंगी।

सरकार ने इससे संबंधित अध्यादेश भी जारी कर दिया, जिसकी जानकारी वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर दी है। इसमें वित्तवर्ष 2018-19 के इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। इसी तरह पैन कार्ड को आधार से लिंक करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया है। इसके अलावे कई और नियम एक अप्रैल से प्रभावी हो रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-

-बजट 2020-21 में हुई घोषणा के मुताबिक नया टैक्स स्लैब एक अप्रैल से प्रभावी हो गया है। हालांकि पुराना टैक्स स्लेैब भी प्रभावी रहेगा ताकि आयकर दाताओं के सामान दोनों में से किसी एक का चयन करने का विकल्प खुला रहेगा। बजट में घोषित नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर शून्य, 2.5 लाख रुपये से से 5 लाख तक की सालाना आय पर पांच फीसदी का टैक्स देय होगा।

-म्युचुअल फंड्स और घरेलू कंपनियों से मिला डिविडेंड्स प्राप्तकर्ता के लिए टैक्स के दायरे में होगा। साथ ही एक अप्रैल से प्रभावी नए टैक्स नियम से उच्च टैक्स ब्रैकेट्स में आने वाले निवेशकों पर इसका ज्यादा बोझ पड़ेगा, जबकि निचले टैक्स ब्रैकेट्स वाले लोगों के लिए बोझ कम होगा।

-अगर एनपीएस, ईपीएफ और पेंशन फंड में एक साल में नियोक्ता का योगदान 7.5 लाख रुपये को पार करता है, तो यह कर्मचारी के सिरे पर कर योग्य होगा। दरअसल आयकर नियम में यह परिवर्तन नए और पुराने दोनों टैक्स स्लैब पर लागू होगा।

-वे लोग जो पहली बार घर खरीद रहे हैं, जिसकी कीमत 45 लाख रुपये तक है, तो उनके लिए सरकार ने अतिरिक्त कर लाभ की तारीख को एक साल के लिए 31 मार्च,2021 तक बढा दिया है। वहीं, 45 लाख तक का घर खरीदने के लिए कर्ज लेने वाले मकान मालिक को मौजूदा दो लाख की टैक्स छूट के अतिरिक्त ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्ट टैक्स छूट का क्लेम करने का मौका मिलेगा।

-स्टार्टअप्स के कर्मचारियों को राहत देते हुए एक अप्रैल से लागू टैक्स नियमों में उन्हें इंप्लाई स्टॉक ऑनरशिप प्लान (ESOPs) के तहत आवंटित शेयर पर टैक्स भुगतान से मोहलत दी गई है।

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